Saturday, March 30, 2013

2013 Holi Celebrations

...with a heartfelt thanks to CRY Seattle
होली के रंग 


कहीं नीला, तो कहीं है पीला 
लाल, गुलाबी, हरा, जमुनी 
आज दिखाई देता यहाँ 
है हर तरह का रंग 
छाई है मस्ती, मचा हुडदंग 
बरसीं अचानक रंगीली बौछारें 
सावन ले आया इक नयी उमंग 

कल रात मनाई थी  
होलिका की विदा 
मिल के जलाई थी 
अहंकार की चिता

आज चारों ओर 
नए रंग हैं खिले 
दूर दराज़ से यार-दोस्त 
सब यहीं हैं, मिले  

उड़ चला है हवाओं में 
इन्द्र धनुषी सा गुलाल 
उठ गया मन के कोनों  से 
छुपा बैठा कोई मलाल 

हर रंग लाया है संग 
अनोखी कोई भावना 
सिखलाये निभानी है मुझे 
नित नयी भूमिका 

आज के इस उत्सव पर 
इन रंगों में खो जाने दो 
इच्छाओं-आकांक्षाओं को त्याग 
इनसे भी परे हो जाने दो 

इन रंगों को जल तरंगों में 
जल्द ही बह जाने दो 
सफेदी की सादी सरलता को 
इस रूह में समा जाने दो 

फिर हर क्षण होगा यहाँ 
अदभुत अनन्य अनन्त
जीवन के इस खेल-चित्र में 
खिल उठेगा हर रंग 

-    Seattle, March 30, 2013


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